
परिचय –
जैसे हम जिन्दा रहने के लिए खाना खाते है वैसे ही पौधों को भी जिन्दा रहने के लिए कुछ आवयश्क पोषक तत्वों की जरूरत होती है। पौधे इन पोषक तत्वों की कमी के बिना पौधे अपना जीवन चक्र पूरा नहीं कर पाते है।
पौधे जमींन से पोषक तत्वों को ग्रहण करते है, अगर पौधों को सही समय पर सही मात्रा में पोषक तत्व न मिले तो पौधा सुख कर कमजोर हो जाता है, जिससे उत्पादन कम हो जाता है और भारी नुकसान होता है।
पोषक तत्वों से पोधो की वर्द्धि अधिक होती है, फूल जल्दी आते है, फलों का आकार बड़ा होता है, गुणवत्ता में सुधार होता है।
पोषक तत्वों का महत्व –

जैसे हम अपनी अच्छी सेहत के लिए खाना, पानी और विटामिन्स को लेते है , वैसे ही पौधों को भी अपनी वर्द्धि के लिए पोषक तत्त्व चाहिए। पोषक तत्त्व पौधों के लिए उनके भोजन के समान ही होते है क्योंकि इन्ही से पौधों की वर्द्धि और विकास होता है। पौधे मिट्टी से जड़ो के द्वारा पोषक तत्वों को ग्रहण करते है।
पोषक तत्वों पौधे के लिए निम्न रूप से लाभदायक है –
1.अच्छी बढ़वार के लिए – पौधों की अच्छी बढ़वार के लिए पोषक तत्व बहुत जरुरी है बिना पोषक तत्त्व से पौधे छोटे और कमजोर रह जाते हैं।
2.हरी पत्तियों के लिए – नाइट्रोजन जैसे तत्त्व पौधों की पत्तियों को हरा और स्वस्थ रखते हैं।
3.मजबूत जड़ो के लिए – फॉस्फोरस जैसे तत्त्व जड़ों को मजबूत बनाते हैं, जिससे पौधा जमीन में स्वस्थ रूप से खड़ा रहता है और पानी को अवशोषित कर पाता है।
4.फुल और फल के लिए – पोटाश पौधों में अच्छे, गुणवत्ता युक्त फल लाने में मदद करता है, जिससे फलन बढ़ता है।
पोषक तत्वों का पोधो में लाभ –

पोषक तत्वों को उनकी आवयश्कता के अनुसार दो भागो में बांटा गया है – 1. Macro Nutrients and 2. Micro Nutrients.
सबसे पहले हम मुख्य पोषक तत्वों के बारे में जानते है, ये 3 है –
1.नाइट्रोजन (Nitrogen – N) – यह पौधे की बढ़वार के लिए बहुत जरुरी है , क्योंकि यही पौधे के भागो का विकास करता है। पतियों को हरा रंग प्रदान होता है , जिससे पौधे प्रकाश सश्लेषण कर पाते है।
इससे पौधे की ऊंचाई बढ़ती है। नाइट्रोजन देने से फसल कम समय में तैयार होती है, और खेत में हरी – भरी खड़ी रहती है, जिससे किसान को फायदा होता है। इसकी कमी से पत्तियां पिली हो जाती हैं और पौधा छोटा रह जाता है।
2.फॉस्फोरस (Phosphorus – P) – यह जड़ो के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि यह जड़ों को मजबूत करने और उनकी लम्बाई बढ़ाने में मदद करता है, साथ ही यह पौधे में बीज बनने और फूल आने में मदद करता है। इससे पौधे की शाखाएं जल्दी तैयार होती है । फॉस्फोरस की कमी से जड़े कमजोर हो जाती है जिससे पानी का अवशोषण नहीं हो पता है और पौधा कमजोर हो जाता है।
3.पोटेशियम (Potassium – K) – यह पौधों को अंदर से मजबूत बनाता है, यह पोधो को रोगों से लड़ने की क्षमता देता है, जिससे पौधा स्वस्थ बना रहता है। पोटाश मुख्य रूप से फल और फूल का आकार बढ़ाने में मदद करता है साथ ही, फलों के रंग और स्वाद को भी अच्छा करता है। इसकी कमी से पतिया किनारे से झुलस जाती है।
यहां कुछ सूक्ष्म पोषक तत्वों के बारे में भी है –
1.जिंक (Zinc) – यह पौधों में एन्ज़ाइम्स के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि यह पौधों में उनका स्तर बनाए रखते है। जिंक नई पत्तियों को बढ़ाने में मदद करता है। इसकी कमी से पत्तियां छोटी रह जाती है।
2.आयरन (Iron) – यह पौधों को हरा – भरा रखने में मदद करता है, पत्तियों को हरा और ताजा बनाए रखता है। इसकी कमी से पतियों के बिच में पीलापन आ जाता है।
3.मैंगनीज़ (Manganese) – यह पौधों को खाना बनाने में मदद करता है यानि यह प्रकाश सश्लेषण करवाता है।
4.बोरोन (Boron) – यह पौधों के फूल और फ़ल को अच्छे आकार में बनाए रखने में मदद करता है। यह बीज के बनने में सहायक है, इसकी कमी से फल छोटे आकार के रह जाते है।
5.तांबा (Copper) – यह भी पौधे में एन्ज़ाइम्स के लिए बहुत जरुरी है। यह पौधे को बीमारियों से सुरक्षित रखता है।
6.मोलिब्डेनम (Molybdenum) – यह पौधों को नाइट्रोजन लेने में मदद करता है, इसकी कमी से पौधा नाइट्रोजन का उपयोग नहीं कर पाता है।
पौधों को पोषक तत्व कैसे दे –

पौधों को उनकी अच्छी सेहत बनाए रखने के लिए पोषक तत्व देना जरुरी है, क्योंकि इसकी कमी से पौधे अपना जीवन चक्र पूरा नहीं कर पाते है। पौधों को पोषक खाद या उर्वरको के माध्यम से दिए जाते है। इन उर्वरको और खाद को मिट्टी मिला दिया जाता है जिससे पौधे जड़ो के द्वारा इन्हे ग्रहण कर लेते है।
1.जैविक खाद – यह एक प्राकृतिक खाद है जिसे जानवरों के गोबर, मूत्र, सड़े-गले पदार्थो , पतियों, फसल के अवशेषो से तैयार किया जाता है, जैसे की कंपोस्ट, गोबर की खाद और हरी खाद। जैविक खाद सिर्फ पौधों को पोषण ही नहीं देती है, बल्कि यह मिट्टी की गुणवत्ता भी बनाए रखती है।
2.रासायनिक उर्वरक – उर्वरक वे अकार्बनिक पदार्थ होते है जिन्हे रसायनो से कारख़ानों में तैयार किया जाता है। जैसे – यूरिया, DAP, MOP आदि।
इन उर्वरको से पौधों को जल्दी पोषक तत्व प्राप्त होते है जिससे पौधों की वर्द्धि जल्दी होती है। परतु इनका उपयोग मिटटी में ज्यादा करते है जो मिट्टी ख़राब हो जाती है साथ ही फ़सल को भी नुकसान होता है।
मिट्टी की जांच करना जरुरी है जिससे पता चल जाए किन – किन पोषक तत्वों की कमी है ताकि कमी के आधार पर पोषक तत्वों को दिया जा सके। बिना जांच के ज्यादा खाद या उर्वरक डालने से मृदा पर भूरा असर पड़ सकता है।
निष्कर्ष –
पौधो के लिए पोषक तत्व बहुत जरूरी है, पौधों को सही समय पर पोषक तत्व देने से पोधो की वर्द्धि जल्दी होती है और पौधे तेजी से बढ़ते हैं जिससे खेत में उत्पादन अधिक होता है। किसान को मृदा की जाँच करवाकर ही खाद व उर्वरक का उपयोग करना चाहिए ताकि फसल भी अच्छी हो और कोई भूरा प्रभाव भी ना पड़े।
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