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बकरी पालन : कैसे कर रहे है किसान लाखो की कमाई?

परिचय –

आज के इस समय में किसान खेती के साथ – साथ अन्य व्यवसायों को भी अपना रहें है ताकी किसानों को अन्य आय के स्त्रोत भी मिल सके जिससे उनकी आर्थिक स्तिथि में सुधार हो सकें |

बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जो आज कल किसानों के बीच में बहुत लोकप्रिय हो रहा है | किसानों को जब खेती से मुनाफ़ा कम होने लगा तो उन्होंने बकरी पालना शुरू कर दिया और अब वही किसान लाखो रूपये कमा रहे है |

अगर आप भी गांव में रहते हैं और कुछ नया करना चाहते हैं, तो बकरी पालन आपके लिए एक अच्छा तरीका हो सकता है। तो आइये जानते है की इसकी शुरुआत कैसे करें?

बकरी पालन क्या है?

बकरी पालन का मतलब होता है बकरियों को पालना, उनकी देखभाल करना और उनसे दूध, मांस या उनके बच्चों के ज़रिए कमाई करना।
इसमें किसान बकरियों को अच्छा खाना, साफ जगह और दवाई देकर उन्हें स्वस्थ रखते हैं। जब बकरियाँ बड़ी हो जाती हैं, तो उनका दूध बेचा जाता है, या उनके बच्चे बेचे जाते हैं।

कुछ किसान मांस के लिए भी बकरियाँ पालते हैं। यह काम गाँव में बहुत लोग करते हैं क्योंकि इसमें खर्चा कम आता है और कम समय में अच्छा फायदा होता है।

सीधी भाषा में कहें तो – बकरी पालन एक ऐसा तरीका है जिससे किसान कम जगह और थोड़े पैसे में बड़ा मुनाफा कमा सकते हैं।

बकरी पालन का महत्व –

बकरी पालन किसानो के लिए बहुत ज़रूरी और फायदेमंद है। यह गाँव के लोगों के लिए कमाई का एक अच्छा तरीका है। बकरियाँ दूध देती हैं, जिससे घी, दही और पनीर बनता है। इनका मांस भी बेचा जाता है, जिससे पैसे मिलते हैं।

बकरियों की खाद (गोबर) खेतों में काम आती है, जिससे फसल अच्छी होती है।

जो लोग गरीब हैं या जिनके पास ज़्यादा ज़मीन नहीं है, वे भी बकरी पालकर पैसा कमा सकते हैं। कुछ लोग तो सिर्फ 2–4 बकरियों से शुरुआत करके आज बहुत अच्छा कमा रहे हैं।

इसलिए बकरी पालन हमारे लिए रोजगार, पोषण और खेती – तीनों में मदद करता है। यही वजह है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है।

बकरी पालन करने के लिए शुरूआती तैयारी –

अगर आप बकरी पालन शुरू करना चाहते हैं, तो कुछ ज़रूरी तैयारी पहले से करनी पड़ती है।
इससे बकरियाँ स्वस्थ रहेंगी और आपको अच्छा मुनाफा होगा।

1.सही नस्ल चुनना – हर बकरी एक जैसी नहीं होती। कुछ नस्लें ज़्यादा दूध देती हैं, तो कुछ मांस के लिए अच्छी होती हैं।

जैसे: जमुनापरी – दूध के लिए
बीटल – दूध और मांस दोनों के लिए
सिरोही – आसानी से हर मौसम में पाली जाती है

2. रहने की जगह (बाड़ा बनाना) – बकरियों को रहने के लिए साफ-सुथरी और सूखी जगह चाहिए। ज़मीन से थोड़ी ऊँचाई पर लकड़ी या सीमेंट का बाड़ा बनाएं बारिश और ठंड से बचाव करें, बाड़े में हवा और रोशनी ठीक से आनी चाहिए |

3. खाने-पीने की व्यवस्था – बकरियों को हरा चारा, सूखा चारा और पानी समय पर देना बहुत ज़रूरी है। चारे में बरसीम, लुसेर्न, गेहूं का भूसा दिया जा सकता है, इसके साथ साफ पानी हर समय रखें |

4. स्वास्थ्य का ध्यान – बकरियों को बीमारियों से बचाने के लिए समय-समय पर टीके (vaccines) और दवाइयाँ देना ज़रूरी होता है। नजदीकी पशु डॉक्टर से संपर्क रखें बकरी बीमार लगे तो तुरंत इलाज करवाएं |

थोड़ी बचत और जानकारी – शुरुआत में ज़्यादा बकरियाँ ना लें। पहले 4-5 बकरियों से शुरुआत करें धीरे-धीरे अनुभव बढ़ने पर संख्या बढ़ाएं |

शुरूआती ख़र्च और मुनाफ़ा –

छोटे स्तर पर 4–5 बकरियों से शुरू करें, तो कुल खर्च कुछ ऐसा हो सकता है:

चीज़खर्च (लगभग)
1 बकरी की कीमत₹6,000 – ₹10,000
5 बकरियाँ₹30,000 – ₹50,000
बकरा (1) ₹7,000 – ₹10,000
बाड़ा (घर) बनवाना₹10,000 – ₹15,000
चारा और पानी₹2,000 – ₹3,000
प्रति महीना दवाई और टीका₹1,000 – ₹2,000 सालाना

कुल खर्च – ₹50,000 से ₹70,000 तक

मुनाफा – अगर बकरियाँ स्वस्थ रहती हैं, तो 1 साल में:

1 बकरी से 2 बच्चे हो सकते हैं
दूध से ₹1,000–₹2,000 प्रति महीना की कमाई
बच्चों को 6-8 महीने में ₹3,000 – ₹5,000 में बेचा जा सकता है

1 साल में लगभग ₹80,000 – ₹1,20,000 तक की कमाई हो सकती है

फायदे की बात – आप जितना अच्छा ध्यान रखेंगे, उतना ही ज्यादा मुनाफा होगा सरकारी योजना से सब्सिडी (30%–60%) भी मिल सकती है

बकरी पालन के लिए सुझाव –

अगर आप बकरी पालन करना चाहते हैं और अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए सुझावों को जरूर अपनाएं:

1. थोड़े से शुरू करें – शुरुआत में 4–5 बकरियों से ही शुरुआत करें। जब अनुभव बढ़े, तब धीरे-धीरे संख्या बढ़ाएं।

2. अच्छी नस्लें चुनें – बकरी की नस्ल बहुत मायने रखती है।

जैसे: जमुनापरी – ज्यादा दूध देती है
बीटल – दूध और मांस दोनों के लिए
सिरोही – हर मौसम में टिकने वाली नस्ल

3. साफ-सफाई का ध्यान रखें – बकरी का बाड़ा हमेशा साफ और सूखा होना चाहिए। इससे बकरियाँ बीमार नहीं होंगी और उत्पादन बढ़ेगा |

4. अच्छा खाना और पानी दें – हर दिन हरा चारा, सूखा चारा और साफ पानी जरूर दें। बकरियाँ तभी तंदुरुस्त रहेंगी और अच्छा दूध देंगी।

5. बीमारियों से बचाव करें – समय-समय पर टीका लगवाना और दवाई देना जरूरी है। बीमार बकरी को बाकी बकरियों से अलग रखें और डॉक्टर से तुरंत इलाज कराएं।

6. सरकारी योजनाओं की जानकारी रखें – सरकार बकरी पालन के लिए सब्सिडी और ट्रेनिंग देती है। नजदीकी पशु अस्पताल या कृषि विभाग से जानकारी लें।

7. बाजार की योजना बनाएं – बकरी का दूध, मांस और बच्चे कहां बेचने हैं – इसकी योजना पहले से बनाएं। स्थानीय बाजार, होटल या ऑनलाइन बिक्री से फायदा बढ़ सकता है।

बकरी पालन में चुनौतियां और समाधान –

बकरी पालन एक अच्छा काम है, लेकिन इसमें कुछ परेशानियाँ (चुनौतियाँ) भी आती हैं। अगर हम पहले से इनके लिए तैयार रहें, तो आसानी से समाधान (हल) निकाल सकते हैं।

1. बीमारी का खतरा – अगर बकरी को समय पर टीका नहीं लगे या साफ-सफाई न हो, तो वो बीमार हो सकती है।

समाधान: बकरी के बाड़े को रोज़ साफ रखें, समय-समय पर टीका लगवाएं बीमार बकरी को अलग रखें और तुरंत डॉक्टर को दिखाएं |

2. अच्छा चारा न मिलना – कभी-कभी बारिश या सूखा पड़ने से हरा चारा नहीं मिल पाता।

समाधान: पहले से चारे को सुखाकर स्टोर करें व सूखा चारा, भूसा, और पशु आहार का सही इस्तेमाल करें इसके साथ बरसीम, लुसेर्न जैसी घास खेत में उगाएं |

3. बाजार में सही दाम न मिलना – कभी-कभी बकरी या दूध बेचते समय सही दाम नहीं मिलते।

समाधान: स्थानीय बाजार के साथ-साथ शहर के बाजार से भी संपर्क रखें, थोक व्यापारियों या होटल से सीधा सौदा करें और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें |

4. जानकारी की कमी – कुछ लोग बिना जानकारी के बकरी पालन शुरू कर देते हैं और नुकसान होता है।

समाधान: सरकारी या निजी संस्थाओं से ट्रेनिंग लें, यूट्यूब या मोबाइल ऐप से सीखें और अनुभवी किसानों से सलाह लें |

5. बकरी की नस्ल कमजोर होना – कमज़ोर नस्ल की बकरी से कम दूध या कम मांस मिलता है।

समाधान: अच्छी नस्लें चुनें जैसे जमुनापरी, बीटल या सिरोही सरकारी पशु केंद्रों से बकरी खरीदें |

चुनौती हर काम में होती है, लेकिन सही जानकारी, मेहनत और धैर्य से बकरी पालन भी एक बड़ा मुनाफे वाला काम बन सकता है।

निष्कर्ष –

बकरी पालन एक ऐसा काम है जो कम खर्च में शुरू किया जा सकता है और सही तरीके से किया जाए तो इससे बहुत अच्छी कमाई भी हो सकती है। आज बहुत से किसान बकरी पालन करके अपने घर का खर्च चला रहे हैं और कुछ तो लाखों रुपए तक कमा रहे हैं।

इसमें दूध, मांस, और बच्चों से कमाई होती है, साथ ही खेती के लिए खाद भी मिलती है। अगर हम साफ-सफाई रखें, बकरियों का अच्छे से ध्यान रखें और सही समय पर इलाज कराएं, तो बकरी पालन में कोई बड़ी मुश्किल नहीं आती।

सरकार की मदद, थोड़ी समझदारी और मेहनत से यह काम गाँव के लोगों के लिए रोज़गार का अच्छा जरिया बन सकता है।

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