
परिचय –
जैसे हम मनुष्य को जीने के लिए पानी पीना जरूरी होता है, वैसे ही पौधों को भी जीने के लिए पानी चाहिए। जब हम खेतों में पौधों को कृत्रिम रूप से पानी देते हैं, तो उसे सिंचाई कहते हैं।
भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसमें बहुत से किसान खेती करते हैं, अर्थात इनकी आजीविका खेती पर ही निर्भर है | लेकिन अगर बारिश न हो तो फसलें सूख जाती हैं। इसलिए किसानों को सिंचाई करनी पड़ती है।
आज के इस समय में पुराने तरीकों की जगह नई और स्मार्ट सिंचाई की विधियाँ आ गई हैं, जिनसे पानी की भी बचत होती है और फसल भी अच्छी होती है। तो आइये जानते है की कोन – कोन सी वे विधियाँ है और इनके क्या फ़ायदे है |
सिंचाई की ज़रूरत क्यों है?
पौधों को अपना जीवन चक्र पूरा करने के लिए पोषक तत्वों के साथ – २ पानी की भी जरूरत होती है। अगर पौधों को समय पर पानी नहीं मिल पाता, तो वह सूख जाते है और फसल खराब हो जाती है।
हर जगह हर समय बारिश नहीं होती, इसलिए किसान को खेतों में खुद से पानी देना पड़ता है। इसी को सिंचाई कहते हैं। सिंचाई करने से:
- फसल की अच्छी वृद्धि होती है
- अधिक उत्पादन
- पोषक तत्वों का सही अवशोषण
- खरपतवार और कीटों पर नियंत्रण
- सूखा और मौसम की अनिश्चितता से सुरक्षा
- मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना
आधुनिक सिंचाई विधियों की ज़रूरत क्यों है? –

आज के इस समय में किसानों के पास फसलों को देने के लिए पानी की कमी हो रही है। पुराने तरीके जैसे नहर या बाल्टी से पानी देना अब कम हो गया है क्योंकि इसमें पानी की खपत ज़्यादा होती है।
अब किसान चाहते हैं कि कम पानी में ज़्यादा फसल हो, समय की बचत हो, और काम आसान हो। इसलिए अब किसान आधुनिक सिंचाई विधियाँ अपना रहे है। जैसे – बूंद – 2 सिंचाई, फव्वारा सिंचाई, सेंसर वाली सिंचाई आदि।
इन विधियों से फसलो को जरूरत के हिसाब से पानी मिलता है और पैदावार भी बढ़ती है।
भारत में इस्तेमाल होने वाली आधुनिक सिंचाई विधियाँ –
किसान पानी बचाने और अच्छी फसल के लिए नई-नई सिंचाई विधियाँ अपना रहे है जो उनके लिए फायदेमंद साबित हो रही है । नीचे कुछ आधुनिक सिंचाई तरीके दिए गए हैं:
1. बूँद – 2 सिंचाई (Drip Irrigation) – इसमें पानी पाइप से धीरे-धीरे बूंद-बूंद करके जड़ों तक पहुँचता है। इस विधि में पानी की बर्बादी नहीं होती है। इसलिए इसका उपयोग फल और सब्ज़ी वाली फसलों में ज़्यादा किया जाता है।

2.फव्वारा सिंचाई (Sprinkler Irrigation) – इसमें पानी को फ़वारो की मदद से फसलों में हवा में छिड़क कर बारिश जैसा गिराया जाता है। यह विधि गेहूं और मक्का जैसे खेतों में अच्छी काम करती है। फ़वारो से पानी हर तरफ बराबर पहुँचता है।

3.रेन गन सिंचाई (Rain Gun) – इस विधि से सिंचाई करने के लिए एक बड़ी मशीन का उपयोग किया जाता है, जो पानी को तेज़ी से दूर तक छिड़कती है। यह बड़े खेतों के लिए एक अच्छी विधि है। इसका ज़्यादातर उपयोग गन्ने और कपास जैसी फसल में किया जाता है।

4.सेंसर आधारित सिंचाई (Sensor-based Irrigation) – इस विधि में मिट्टी में सेंसर लगाए जाते है जो यह बताते हैं कि खेत को पानी कब चाहिए। इन सेंसर मशीनों को मोबाइल से कंट्रोल किया जा सकता है। यह एक “स्मार्ट खेती” का हिस्सा है।
आधुनिक सिंचाई के फायदे
किसान सिंचाई के पुराने तरीकों की छोड़कर अब आधुनिक सिंचाई की विधियाँ का इस्तेमाल कर रहे हैं, क्योंकि इनके कई फायदे हैं:
1.पानी की बचत होती है – आधुनिक तरीकों जैसे बूँद – 2 सिंचाई या फव्वारा सिंचाई से सिर्फ उतना ही पानी खेत में जाता है जितनी फसल को ज़रूरत होती है। इन विधियों से पानी की बर्बादी नहीं होती है।
2.फसल की पैदावार बढ़ती है – जब पौधों को सही समय और सही मात्रा में पानी मिलता है, तो इनकी पैदावार अच्छी होती है जिससे किसानो को फसल ज़्यादा मिलती है।
3.समय और मेहनत की बचत – आधुनिक तरीको में मशीनों और नई तकनीक से सिंचाई का काम जल्दी हो जाता है। किसान को बार-बार खेत में पानी देने नहीं जाना पड़ता।
4.कम मजदूरी में ज़्यादा काम – आधुनिक विधियों से सिंचाई करने पर खेत में कम मज़दूरों की ज़रूरत पड़ती है, जिससे पैसे की भी बचत होती है।
5.किसान की आमदनी बढ़ती है – कम खर्च, ज़्यादा फसल और बेहतर उत्पादन की वजह से किसानों की कमाई भी बढ़ जाती है।
किसानों के लिए सरकार की मदद –

सरकार किसानों के लिए अनेक योजनाएँ चलाती है परन्तु जानकारी के अभाव में यह किसानों तक पहुंच ही नहीं पाती है। इसलिए किसानों को जागरूक और शिक्षित होना बहुत जरुरी है। सरकार निम्न प्रकार से किसानों की मदद करती है –
1.सब्सिडी देकर – सरकार किसानों को बूँद – 2 सिंचाई, फव्वारा और दूसरी आधुनिक तकनीकों पर पैसे की सहायता (सब्सिडी) देती है, जिससे किसान कम खर्च में ये सुविधाएँ ले सकें।
2.योजनाएँ चलाती है – सरकार ने “प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY)” जैसी कई योजनाएँ शुरू की हैं, जिनसे हर खेत तक पानी पहुँच सके।
3.सामग्री और उपकरण देती है – किसानों को ड्रिप सिस्टम, पंप, पाइप और दूसरे सिंचाई उपकरण सरकार द्वारा कम दाम में दिए जाते हैं।
4.प्रशिक्षण (Training) – कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) और कृषि मेले में किसानों को सिखाया जाता है कि आधुनिक सिंचाई कैसे करें और कौन-सी विधि उनके खेत के लिए सही है।
5.किसान कॉल सेंटर – सरकार ने फ्री हेल्पलाइन (1800-180-1551) चालू की है, जहाँ किसान अपने सवाल पूछ सकते हैं और अपनी समस्याओ का समाधान पा सकते है।
निष्कर्ष
खेती में पानी की बहुत अहम भूमिका है। अगर फसलों को समय पर पानी न मिले, तो पूरी मेहनत बेकार हो जाती है। इसलिए किसानों को सिंचाई के पुराने तरीकों की जगह अब आधुनिक विधियाँ अपनानी चाहिए।
बूँद – 2 सिंचाई, फव्वारा और सेंसर जैसी तकनीकें पानी बचाती हैं, फसलों की पैदावार बढ़ाती हैं, और किसान का समय व पैसा दोनों बचाती हैं। सरकार भी किसानों की मदद कर रही है ताकि वे इन तकनीकों को आसानी से अपना सकें। अब समय है कि हम समझदारी से खेती करें, पानी की बचत करें और अपनी खेती को आगे बढ़ाएँ।
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